चंडीगढ़। तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का पक्ष लेते हुए कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि लोकतंत्र में कानून निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा बनाए जाते हैं, न कि अदालतों द्वारा। सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, लोकतंत्र में, कानून लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा बनाए जाते हैं, माननीय अदालतों या समितियों द्वारा नहीं..। किसी भी मध्यस्थता, बहस या चर्चा किसानों और संसद के बीच होनी चाहिए।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “न्याय? -आप अगली दुनिया में न्याय पाएंगे, इस दुनिया में आपको सिर्फ कानून मिलेंगे! कानून ज्यादा, न्याय कम।”
सिद्धू के इस बयान के एक दिन बाद किसान यूनियनों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों को अंतरिम उपाय के रूप में फिलहाल लागू करने पर रोक लगा दी है, जो एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन समाधान नहीं है।
पिछले साल सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान यूनियनों के छाता संगठन की ओर से यह बयान जारी किया गया।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी और कृषि कानूनों के बारे में किसान संघों की शिकायतों को सुनने के लिए एक समिति भी बनाई है।
किसानी कानून सत्ताधारी सांसदों ने बनाए, कोर्ट ने नहीं : नवजोत सिंह सिद्धू
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