कोलकाता। कोयला तस्करी कांड की जांच में जुटी सीबीआइ ने आसनसोल-दुर्गापुर औद्योगिक क्षेत्र समेत दक्षिण बंगाल में स्थित 100 से अधिक कारखानों को नोटिस भेजा है। सीबीआइ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन कारखानों में गिरोह का सरगना लाला चोरी के कोयले की आपूर्ति करता था।सीबीआइ को पता चला है कि लाला सिर्फ छोटे-बड़े निजी कारखानों को ही नहीं बल्कि सेल जैसी बड़ी सरकारी संस्था के एक कारखाने को भी अपने नियंत्रण में लेने की फिराक में था। लाला के नेतृत्व में जो सिंडिकेट चलता था, वह विभिन्न कारखानों में हजारों टन कोयले की आपूर्ति करता था।
आसनसोल, दुर्गापुर, जमुरिया, रानीगंज, बांकुड़ा जिले के बारजोड़ा, मेजिया और पुरुलिया के विभिन्न कारखानों में चोरी के कोयले की आपूर्ति की जाती थी। उन कारखानों के मालिकों को नोटिस भेजा गया है। सीबीआइ जानना चाहती है कि वे लाला से कोयला क्यों खरीदते थे। इसे लेकर उनपर क्या किसी तरह का दबाव था या फिर कम कीमत पर उनकी आपूर्ति की जाती थी।उनके पास किस तरह से और कितना कोयला आता था और उन्हें कितने कोयले की जरूरत पड़ती थी। सीबीआइ सेल के कुछ अधिकारियों और सीआइएसएफ की भूमिका भी खंगाल रही है।
गौरतलब है कि इस मामले में सीबीआइ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कुछ अधिकारियों से भी पूछताछ कर चुकी है और अब निजी कारखानों के मालिकों को नोटिस भेजकर उनसे जिरह की तैयारी चल रही है। सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं। कई प्रभावशाली लोगों का भी इसमें हाथ हो सकता है। इस्को के कई कोयला खदान हैं, जहां खनन के लिए निजी संस्थाओं को ठेका दिया जाता है। इसके लिए जो निविदाएं आमंत्रित की जाती थीं, उसमें लाला का सिंडिकेट भी हिस्सा लेता था।